‘बेलघाट’ एक महत्वपूर्ण क़स्बा (Block) गोरखपुर शहर से ५० किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। राजनीतिक एवं भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण। इसके दक्षिण में ८ km दूर घाघरा नदी और आज़मगढ़, दक्षिण-पश्चिम में संतकबीर नगर है। बेलघाट के उत्तर में करीब ६ km दूर कुवानों नदी स्थित है। यहाँ से नजदीकी रेलवे स्टेशन गोरखपुर है और हवाई अड्डा कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट है।
आपको ध्यान दिला दूँ की इसे क़स्बा न कहकर एक पूर्णतः township बता सकते हैं, चारों तरफ से कई गांव से घिरा हुआ। इस ब्लॉक में ८० से ज्यादा गांव हैं। कुछ समय पहले यहाँ का प्रमुख जीवनी पारम्परिक व्यवसाय एवं कृषि हुआ करती थी। अभी भी लोग कृषि कर रहे हैं लेकिन इस प्रतियोगिता के दौर में लोग जीवनयापन के लिए अन्य व्यवसायों पर भी ध्यान दे रहे हैं, जैसे मुर्गी पालन, दुग्ध उत्पादन, मोटर मैकेनिक, कोचिंग क्लासेज इत्यादि।
यहाँ हनुमान मंदिर का लम्बा इतिहास है। पुरानी मान्यताओं के अनुसार इसी हनुमान मंदिर के परिसर में सभी गांव के लोग पूजा के लिए कढ़ाई चढाने आते हैं। मेला लगता है। दुकानें सजती हैं। सबसे ज्यादा उत्सुकता बच्चों में होती है। हनुमान मंदिर के आस पास उसी परिसर में कुछ और मंदिरों का निर्माण हुआ है जो इस परिसर में लोगों में श्रद्धा का भाव प्रबल बनाती है।
ज्यादा नहीं कुछ दस साल पहले तक यह काफी पिछड़ा प्रदेश था। लेकिन कुछ सालों से यहाँ पर अच्छा डेवलपमेंट और सुधार हुआ है। पक्की सड़कें बन गई है। लोगो को आने जाने के लिए अच्छे साधन हो गए हैं। निजी मेडिकल सरकारी अस्पताल, एम्बुलेंस, स्कूल आदि की सुविधाओं में सुधार हुआ है। आधुनिक सुविधाओं से युक्त काफी दुकानें खुल गई है। पहले लोगों को जरुरी सामान ले आने के लिए गोरखपुर शहर जाना पड़ता था लेकिन अब काफी जरुरी चीजें बेलघाट में हीं उपलब्ध हैं। जहाँ तक मुझे याद है यहाँ पर कुछ साल पहले बिजली की व्यवस्था अच्छी नहीं थी, कुछ गांव में तो बिजली के खंभे भी नहीं थे, लेकिन इस समय बिजली लगभग सभी गांव और घरों में पहुँच चुकी है। अधिक से अधिक समय तक बिजली उपलब्ध रहती है।
ptubtm