शंकरपुर-बेलघाट में महालंठ सम्मेलन: हास-परिहास और होली गीतों का अद्भुत संगम

गोरखपुर के अशोक स्तंभ, शंकरपुर में आगामी 09 मार्च 2025, दिन- रविवार को महालंठ सम्मेलन एवं होली गीत प्रतियोगिता का भव्य आयोजन होने जा रहा है। यह सम्मेलन लोककवि स्वर्गीय रामगति मौर्य मुंशी जी की स्मृति में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें हास्य-व्यंग्य, होली मिलन, और पारंपरिक होली गीतों की प्रतियोगिता मुख्य आकर्षण होंगे।

“महालंठ” शब्द का प्रयोग आमतौर पर हास्य के रूप में किया जाता है, लेकिन इस सम्मेलन में इसे एक सकारात्मक और आनंददायक रूप में प्रस्तुत किया जायेगा। यहाँ लोग अपने दैनिक जीवन के तनावों से मुक्त होकर खुलकर हंसते और दूसरों को हंसाते हैं। हास्य-परिहास और लोकसंस्कृति का यह अनूठा संगम लोगों को मानसिक और सामाजिक रूप से जोड़ता है।

होली गीत प्रतियोगिता इस आयोजन का मुख्य आकर्षण है, जिसमें पारंपरिक भारतीय वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया जाता है। हारमोनियम, ढोलक, झाल, चंग जैसे वाद्ययंत्रों के साथ गाए जाने वाले होली गीतों में चौताल, तीन ताल, डेढ़ ताल, वैश्वाड़ा, झूमर और चैती जैसी पारंपरिक गायन शैलियों का समावेश होगा।

संचालन समिति- श्री अरूण कुमार दूबे मो. 9695934864, श्री अमरनाथ जी मो. 8573848799, श्री वी० के० प्रजापति मो. 9956442446

प्रतियोगिता के नियम और शर्तें

  1. प्रतियोगी केवल भारतीय पारंपरिक वेशभूषा में ही प्रस्तुति देंगे।
  2. प्रत्येक टोली में 6 सदस्य होंगे, और टोली का नाम गाँव के नाम पर होगा।
  3. हर टोली को 12 मिनट का समय मिलेगा, जिसमें उलारा गायन भी सम्मिलित होगा।
  4. प्रतियोगिता में कोई शुल्क नहीं लगेगा और सभी टीमों को पूर्वाह्न 11 बजे तक कार्यक्रम स्थल पर पहुँचना अनिवार्य होगा।
  5. निर्णायक समिति का निर्णय सर्वमान्य होगा।

पुरस्कार और सम्मान

इस प्रतियोगिता में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाली टीमों को पारंपरिक वाद्ययंत्र पुरस्कार स्वरूप दिए जाएंगे:

  • प्रथम पुरस्कार – हारमोनियम व दो जोड़ी झाल
  • द्वितीय पुरस्कार – ढोलक व दो जोड़ी झाल
  • तृतीय पुरस्कार – चंग व दो जोड़ी झाल
  • सांत्वना पुरस्कार – पाँच अन्य टीमों को विशेष उपहार दिए जाएंगे।

 

सम्मेलन के मुख्य अतिथि और आयोजन समिति

कार्यक्रम में अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहेंगे, जिनमें लण्ठेश्वर महाराज श्री शुकदेव पाण्डेय, लण्ठाधिराज ई० गिरिजेश भाष्कर, मुख्यलण्ठाधिपति श्री शंभूनाथ तिवारी (पूर्व मुख्य विकास अधिकारी) और अन्य प्रमुख अतिथि शामिल होंगे।

आयोजन समिति में श्री शिवसुंदर मौर्य, श्री सुधाकर यादव, श्री कोदई यादव और श्री अरुण कुमार सिंह का विशेष योगदान रहेगा।

सभी से आग्रह

होली का यह आयोजन सांस्कृतिक विरासत को संजोने और समाज में समरसता बढ़ाने का एक अनूठा अवसर है। अतः सभी गाँवों की टीमों से इस महामहोत्सव में सादर आमंत्रण है – आइए, हास्य-परिहास और रंगों से सराबोर इस होली पर्व को मिलकर यादगार बनाएं!

Source:
Shri Bhikhari Prajapati

 

 

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