Belghat.com करता है एक आग्रह: आए मिलकर करें प्रयास सड़क दुर्घटना से कैसे मिले निजात

पापा गाड़ी धीरे चलाओ

सड़क सुरक्षा की हो जानकारी। हम दे हर बच्चों को दुर्घटना से बचने की सही जानकारी।

 

आए दिन सुनने को आता है स्कूली बच्चों की सड़क दुर्घटना में मौत की खबर। आज के जमाने में पठन-पाठन में नए-नए चैप्टर अच्छे लेखकों के द्वारा जारी किए जा रहे हैं, लेकिन जीवन की गति में संसाधन युक्त जीवन की नियमावली उसकी सुरक्षा की जानकारी भी पहली प्राथमिकता बनती है। आज के बच्चे स्कूल की सुविधा में बस की व्यवस्था से घर से स्कूल जाना और स्कूल से घर आना सुरक्षा तो तय करता है, लेकिन वही बच्चे जब सड़क से आवागमन करते हैं, तो उनको किस तरह सड़क पर चलना चाहिए, शायद किसी स्कूल में इसकी जानकारी नियमित दी जाती हो। कम ही सुनने को मिलता है। संसाधनों का बढ़ता हुआ जमाना, हर कोई चाहे टू व्हीलर हो या फोर व्हीलर चलाना चाह रहा है। लेकिन पहली प्राथमिकता उन नव निहाल बच्चों को जरूर होनी चाहिए कि सड़क नियमावली के अनुसार किस तरीके से सड़कों पर चलें जिससे हमारी सुरक्षा हो सके। आज के जमाने में सुनने में आता है कि व्यक्ति सड़क के किनारे खड़ा था और उसका हो गया एक्सीडेंट। ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में सड़कों के नजदीकी किनारे पर लोग बैठते हैं या अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं। यह उनकी भूल है। भागमभाग और अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए यह उनकी भूल है। लोगों ने गाड़ियों की स्पीड इतनी बढ़ा दी है कि लोग अपनी सुरक्षा को भी भूल जाते हैं। अनियंत्रित गाड़ियों को चलाना आए दिन जानलेवा साबित हो रहा है।

 

यह संदेश सभी स्कूल संचालकों को जागरूकता अभियान के तहत belghat.com प्रार्थना करता है कि अभिभावक स्वयं सुरक्षा की दृष्टिकोण से नियमों का पालन करें, हेलमेट जरूर लगाएं जिसे आपका बच्चा आपकी जागरूकता को ग्रहण करे। स्कूल के शुरुआती ईश्वर प्रार्थना बंदन के समय सड़क सुरक्षा अभियान के तहत उन बच्चों को सड़कों पर सुरक्षित और नियमावलियों के बारे में जरूर जागरूक करें। किताबी ज्ञान और मौखिक ज्ञान दोनों ज्ञान की जागरूकता छोटे बच्चों को या बड़े, उन्हें रोज करें जागरूक। आए दिन हो रहे एक्सीडेंट और बड़ी दुर्घटनाओं से सामाधान मिल सके। आए मिलकर करें सड़क सुरक्षा नियमों का पालन।

कुछ विशेष बातें
बच्चों को ट्रैफिक नियमों के बारे में बताना जरूरी है ताकि वो सड़क पर भी सुरक्षित रहें।

भारत में बच्चों के लिए भी अलग सड़क सुरक्षा नियम हैं। अगर बचपन से उन्हें इनके बारे में बताया जाए तो वो जिम्मेदार नागरिक और ड्राइवर बन सकेंगे। हर घर में बच्चों को बचपन से ट्रैफिक नियमों की जानकारी देना चाहिए। बच्चों की सुरक्षा के लिए भी ट्रैफिक रूल्स हैं।

बच्चों के लिए सड़क सुरक्षा नियम क्या हैं?

  1. बच्चों को बचपन से घर में ट्रैफिक और रूल्स के बारे में बताना चाहिए। उन्हें ट्रैफिक के बुनियादी सुरक्षा संकेतों और चिह्नों के बारे में पता होना चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि हरे रंग का मतलब है गुजरना और लाल का मतलब है रुकना।
  2. बच्चों को ये बचपन से बताया जाना चाहिए कि चलती गाड़ी के बाहर हाथ या चेहरा न निकालें। ये खतरनाक हो सकता है।
  3. बच्चों को पता होना चाहिए सड़क कैसे पार की जाती है। इसलिए, बच्चों को रुको, देखो और चलो नियम का पालन करना सिखाएं।
  4. बच्चों को वाहनों के हॉर्न और उनकी आवाज पर ध्यान देना चाहिए। इस तरह वह मोड़ के पीछे से आने वाले वाहनों से बच सकेंगे।
  5. बच्चों को बताएं कि वो सड़क पर दौड़ें नहीं। वह गलती से कारों से टकरा सकते हैं और दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। एकदम बाएं चलें।
  6. बच्चों को बताया जाए कि वो फुटपाथ या सर्विस लेन का उपयोग करें। पैदल यात्री क्रॉसिंग पर ही सड़क पार करें। ज़ेब्रा क्रॉसिंग के बारे में बताएं।
    मोड़ पर कभी भी सड़क पार न करें। वो तेजी से दौड़ती गाड़ियों की चपेट में आ सकते हैं। हमेशा ज़ेब्रा क्रॉसिंग पर जाएं।
  7. स्कूल बस के पूरी तरह रुकने पर नीचे उतरें। उतरकर दूर खड़े हो जाएं। जब बस चली जाए तब सड़क क्रॉस करें।
  8. अपनी गाड़ी का दरवाजा अचानक न खोलें। इससे बच्चा गाड़ी की चपेट में आ सकता है। आगे-पीछे देखने के बाद ही दरवाजे खोलें।
  9. बच्चों को रात में गहरे रंग के कपड़े कभी भी न पहनाएं। काले कपड़े सड़क पर दिखाई नहीं देते, इसलिए वो गाड़ियों की चपेट में आ सकते हैं।

– Anup Singh
www.belghat.com

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *