हां मैं कम्हरिया घाट हूं!
गोरखपुर जनपद के दक्षिणांचल में जिला मुख्यालय से लगभग साठ किमी दूर बेलघाट के समीप चार जिलों को जोड़ने वाली सीमा पर स्थित हूं।
मुझे मां सरयू का पावन स्नेह प्राप्त है।
आज मैं अपने कर्मयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज के कर्तव्यबोध से इतरा रहा हूं।
अब मैं बहुत खुश हूं क्योंकि मुझे देखने के लिए हजारों लोग प्रतिदिन आ रहें हैं।
मां सरयू के पावन गोद में बने मेरे पुल से प्रतिदिन दिन और रात में हजारों लोगों का आवागमन हो रहा।
मेरे तट पर एक पुल बन जाता मैं इसकी चाहत रखता था
अब तो तीन पुल बन गए ।
अब तो लोग कहते है कि मेरी तो रौनक ही बदल गई है।
यूं कहें तो मेरी पुछ बढ़ गई है।
अब तो दूर दराज के लोग मुझे मेरे नाम से जानने लगे हैं।
एक समय था जब मुझसे लोग बच बच कर जाते थे ।
मेरे चारों तरफ सरपतो का बीहड़ हुआ करता था।
रात की बात तो छोड़ दें कोई दिन में मुझसे मिलना पसंद नहीं करता था।
लोग मेरे रूप से डरते थे भय खाते थे।
मेरे समीप रहने वाले मेरे किसान भाई भी मुझसे दूर भागते थे।
लेकिन धन्य हो यूपी के कर्मयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज की आपने तो मेरी दिशा और दशा ही बदल दी अब मेरा जलवा है अब तो किसान मजदूर नौजवान बुढ़े बच्चे हजारों लोगों का प्यार मुझे मिल रहा है।
दिन प्रतिदिन मेरी दशा बदल रहीं हैं अब तो बड़ी मात्रा में पर्यटक भी दूर दराज से मुझे देखने आ रहे हैं।
अब विकास के तीव्र पथ पर मैं अग्रसर हूं।
आज मैं जन जन का विश्वास हूं , हां मैं कम्हरिया घाट हूं
जल्द खुलेगा विकास का एक और बड़ा द्वार,
कम्हरिया घाट सिक्सलेन पुल रिकार्ड ढाई साल में बनकर तैयार हुआ है।
डेढ़ किमी लम्बा यह सिक्सलेन पुल गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का पुल है जो गोरखपुर के दक्षिणांचल में लगभग साठ किमी दूर स्थित है।
यह गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का पुल पुर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे को जोड़ता है।
यह पुल चार जिलों गोरखपुर, संतकबीरनगर, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़ की सीमा को प्रत्यक्ष रूप से जोड़ रहा है
साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से दो दर्जन से अधिक जिलों , लखनऊ, दिल्ली राजधानी क्षेत्र को भी जोड़ रहा है।
यह लिंक एक्सप्रेसवे और पुल कई जिलों के लिए लाइफलाइन साबित होगा।
– Satyavant Singh
Credit – “सिस्टम” – Whatsgapp Group