इंसान ने पर्यावरण को इतना जहरीला बना दिया है की गौरैया का दिखना दुर्लभ हो गया है. अब यह विलुप्तप्रायः पक्षियों की सूचि की ओर अग्रसर है. चींचीं करने वाली इस मासूम चिड़ियों का अस्तित्व बचाने के लिए निजी तौर पर कम लोग ही संवेदनशील दिखाते है, मगर गोरखपुर जिले के बेलघाट कस्बे में सुजीत मोदनवाल नाम के एक व्यक्ति ने गौरेया पालन को एक मकसद बना लिया है. वर्तमान में उनका पूरा मकान गौरैया के घोंसलों से भरा हुआ है.
सुजीत कुमार मोदनवाल पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन व्यवसाय का खाली समय वह इस पक्षी के संरक्षण में लगा रहे हैं. दाना-पानी से लेकर हर देखरेख पुरे मनोयोग से करते हैं. परिवार को भी सुजीत के इस अभियान से कोई दिक्कत नहीं. पर्यावरण प्रदुषण के वजह से गौरैया लुप्तप्राय होती जा रही है लेकिन उसके संरक्षण के दिशा में बेलघाट के निवासी सुजीत कुमार मोदनवाल का प्रयाश राहतभरी खबर है.