आर्यांश दूबे के इलाज के लिए समाज से बढ़े हाथ: लखनऊ के अपोलो हॉस्पिटल में जारी है उपचार

मनिकापार ग्राम पंचायत के निवासी 17 वर्षीय आर्यांश दूबे, पुत्र जनार्दन दूबे, गंभीर दुर्घटना के बाद से लखनऊ के अपोलो हॉस्पिटल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण दुबे परिवार को इलाज में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन समाज की मदद ने परिवार को कुछ राहत पहुंचाई है।

आर्यांश की स्थिति अत्यंत गंभीर है—एक पैर डॉक्टरों ने काट दिया है, और एक आंख की रोशनी भी खो गई है। अब तक परिवार ने दोस्तों, रिश्तेदारों, और कर्ज के सहारे इलाज किया, परंतु आगे का खर्च उठाना उनके लिए असंभव है। हॉस्पिटल ने लगभग ₹8,20,000 का अनुमानित खर्च बताया है।

इस कठिन समय में प्रभुनाथ यादव, शतीस राय, और खुवापाकड़ के ग्राम प्रधान सुधाकर यादव जैसे समाजसेवी सहायता के लिए आगे आए हैं। प्रभुनाथ यादव ने इस परिवार को 20,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी, जबकि शतीस राय और अन्य समाजसेवियों ने भी मदद का हाथ बढ़ाया। स्थानीय समाजसेवी गुलाब सिंह, पूर्व प्रधान अरुण कुमार दुबे, और पत्रकार अनूप कुमार सिंह ने भी इस मुहिम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इसके अलावा, अनेक स्थानीय लोग और शुभचिंतक ऑनलाइन माध्यम से भी सहायता भेज रहे हैं। किसी ने 5000 रुपये, किसी ने 2000 रुपये, तो किसी ने 1000, 500, 200 और 100 रुपये देकर परिवार का सहारा बनने का प्रयास किया है। इन सभी दानदाताओं का योगदान परिवार को मानसिक और आर्थिक संबल दे रहा है।

आर्यांश के इलाज के लिए हो रही यह सामूहिक मदद समाज के लिए एक प्रेरणा है, जो दिखाती है कि एकजुटता से किसी भी मुश्किल का सामना किया जा सकता है। आपका योगदान न केवल आर्थिक सहायता है बल्कि परिवार के लिए उम्मीद और राहत का संदेश भी है।

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