सफेद चांदी का काला सच सामने लाया है दैनिक भास्कर अखबार ने। इस अखबार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक जयपुर के सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी की लैब में एक साल में विभिन्न शहरों व कस्बों से शुद्धता की जांच के लिए चांदी के गहने लाए गए। लैब में लाए गए 12306 चांदी की पायल, छल्ला, कड़ा, चेन, घुंघरू, बिछिया, नेकलेस को जांचा गया। लैब की जो रिपोर्ट आई, वह आपको हिला देगी।
हॉलमार्क वाले गहने ही खरीदें
यूं तो गहनों की शुद्धता जांचने के लिए हॉलमार्क पर भरोसा किया जा सकता है। लेकिन, भारतीय मानक ब्यूरो केवल सिल्वर ज्वैलरी हॉलमार्क के लिए लाइसेंस लेने वाले ज्वैलर्स के गहनों में शुद्धता जांचता है। जिनके पास लाइसेंस नहीं, उनके गहने नहीं जांचता है। ब्यूरो का कहना है कि हॉलमार्क चांदी के गहने ही खरीदें, ताकि उन्हें पूरी शुद्धता मिले।
कैसी चांदी के गहने लें
सुनारों का कहना है कि अच्छे गहने स्टर्लिंग चांदी के रूप में बेचे जाते हैं। ऐसे गहनों में 92.5% चांदी होती है। इसलिए इस पर .925 या 925 की मुहर लगी होती है। शुद्ध चांदी नरम होती है, इसलिए गहने को मजबूती देने के लिए तांबा, जस्ता या निकल मिलाया जाता है। लेकिन वह साढ़े सात फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए।